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Shakambhari Mata Temple

Sikar, Rajasthan

मां शाकंभरी के मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्ष पूर्व में हुई थी। माता के मंदिर में ब्रहमाणी व रूद्राणी के रूप में दो प्रतिमाएं विराजमान हैं। कस्बे के शाकंभरी गेट से 15 किलोमीटर दूर अरावली की पहाडिय़ों के मध्य सिद्ध शक्ति पीठ माता शाकंभरी का प्राचीन मंदिर स्थित है। मां शाकंभरी के मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्ष पूर्व में हुई थी। माता के मंदिर में ब्रहमाणी व रूद्राणी के रूप में दो प्रतिमाएं विराजमान हैं। दोनों प्रतिमाओं के बीच में स्वत: प्रकट हुई माता की एक छोटी मुख्य प्रतिमा विराजमान है। सिद्ध शक्ति पीठ होने से माता की ख्याति आज देश विदेश में फैली हुई है। शुक्रवार को घट स्थापना के साथ ही माता के दरबार में नवरात्र में नौ दिन तक मां शाकंभरी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं कतारंे लगी रहेंगी। मंदिर के महंत दयानाथ महाराज बताते हैं कि भारत में माता शाकंभरी के प्राचीन दो ही मंदिर है। पहला प्राचीन मंदिर यहां सकराय में तो दूसरा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में है। शाक की देवी के दोनों ही मंदिर हरियाली की वदियों में बसे है। मंदिर के पूजारी पंडित दीनदयाल लाटा बताते हैं कि प्रतिदिन सुबह साढ़े पांच बजे और शाम को पौने सात बजे माता की आरती होती है। जिस रूप में हम माता को देखते है, उसी रूप में वह हमे दिखाई देती है। नौ दिन तक माता के दरबार में जात, जुड़ूला उतारने के लिए व दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहता है। नवरात्र में माता के दरबार में जगह जगह शतचंडी अनुष्ठानों का आयोजन होता हैं। मदन मोहनजी मंदिर में प्रतिवर्ष ज्योतिषाचार्य पंडित केदार शर्मा की ओर शतचंडी अनुष्ठान का अयोजन करवा जाता है, जिसमें देशभर से विशिष्टजन भाग लेने के लिए पहुंचते हैं। माता के दरबार में अब तक पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल, पूर्व उप राष्ट्रपति भैरूसिंह शेखावत, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, असम के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, सपा के अमरसिंह, फिल्म स्टार मनोज कुमार, अजय देवगन, काजोल, तनिशा सहित सैंकड़ों अति विशिष्टजन नवरात्र में मां शाकंभरी के दरबार में हाजरी लगा चुके है। यह है सुगम मार्ग मां शाकंभरी के जाने के लिए सुगम मार्ग उदयपुरवाटी से होकर गुजरता है। सीकर की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पिपराली, रघुनाथगढ़, चिराना, नांगल, उदयपुरवाटी से माता शाकंभरी, जयपुर की ओर से आने वाले श्रद्घालुओं के लिए श्रीमाधोपुर, खंडेला, उदयपुरवाटी से माता शाकंभरी तथा झुंझुनूं की ओर से आने वाले श्रद्घालुओं के लिए बड़ागांव, गुढागौडज़ी-उदयपुरवाटी से माता शाकं भरी का रास्ता है। इसके अलावा जयपुर रोड से गौरिया के रास्ते से होते हुए भी मां शाकंभरी के दरबार में श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन पहाडिय़ों के मध्य निकले इस रास्ते में आने वाले विकट मोड़ किसी खतरे से कम नहीं है।

How to reach

By Train: Nearest Railway Station is Jhunjhunu / Sikaar. Devotees can take train either upto Jhunjhunu or Jaip

By Air: Nearest Airport for reaching Sri Shakambhari Mata Mandir is Jaipur. Devotees can hire cab or take a

Amenities

  • Free Parking
  • Photography allowed

Location

Reviews (2)

  • Govind26 May 2018

    Nice

  • 23 May 2018

    it is a very good place ........

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