शेखावाटी के हृदय स्थल सीकर नगर से 16 किमी दूर दक्षिण में हर्ष पर्वत स्थित है जो अरावली पर्वत श्रृंखला का भाग है। यह पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक व पुरातत्व की दृष्टि से प्रसिद्ध, सुरम्य एवं रमणीक प्राकृतिक स्थल है। हर्ष पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3100 फीट है जो राजस्थान के सर्वोच्च स्थान आबू पर्वत से कुछ कम है। शिव हर्षनाथ का यह मंदिर हर्षगिरी पर स्थित हैं तथा महामेरु शैली में निर्मित है। विक्रम संवत 1030 (973 ई.) के एक अभिलेख के अनुसार इस मंदिर का निर्माण चौहान शासक विग्रहराज प्रथम के शासनकाल में एक शैव संत भावरक्त द्वारा करवाया गया था। मन्दिर में एक गर्भगृह, अंतराल, कक्षासन युक्त रंग मंडप एवं अर्द्धमंडप के साथ एक अलग नदी मंडप भी है। अपनी मौलिक अवस्था में यह मन्दिर एक शिखर से परिपूर्ण था जो अब खंडित हो चुका है। वर्तमान खंडित अवस्था में भी यह मन्दिर अपनी स्थापत्य विशिष्टताओं एवं देवी-देवताओं की प्रतिमाओं सहित नर्तकों, संगीतज्ञों, योद्धाओं व कीर्तिमुख के प्रारूप वाली सजावटी दृश्यावलियों के उत्कृष्ट शिल्प कौशल हेतु उल्लेखनीय है। इस मन्दिर से संलग्न एक ऊंचे अधिष्ठान पर स्थित दूसरा मन्दिर उत्तर मध्यकालीन है, तथा शिव को समर्पित है। कुछ दूरी पर स्थित एक अन्य मन्दिर भैरव को समर्पित है।
इस पर्वत का नाम हर्ष एक पौराणिक घटना के कारण पड़ा। उल्लेखनीय है कि दुर्दान्त राक्षसों ने स्वर्ग से इन्द्र व अन्य देवताओं का बाहर निकाल दिया था। भगवान शिव ने इस पर्वत पर इन राक्षसों का संहार किया था। इससे देवताओं में अपार हर्ष हुआ और उन्होंने शंकर की आराधना व स्तुति की। इस प्रकार इस पहाड़ को हर्ष पर्वत एवं भगवान शंकर को हर्षनाथ कहा जाने लगा। एक पौराणिक दन्त कथा के अनुसार हर्ष को जीणमाता का भाई माना गया है।
By Road: The town of Sikar is well connected by road with all the major cities of Rajasthan. Local transport
By Train: The nearest railway station Sikar is well-connected by rail with the all the major cities and towns.
By Air: The nearest airport is located in Jaipur, at a distance of 116 km.